अज्ञो भवति वै बालः पिता भवति मन्त्रदः।
अज्ञं हि बालमित्याहुः पितेत्येव तु मन्त्रदम्॥ मनुस्मृति 2.153
पदान्वय
अज्ञः भवति वै बालः — जो अज्ञानी है, वह वास्तव में बालक होता है
पिता भवति मन्त्रदः — जो ज्ञान देता है, वह पिता कहलाता है
अज्ञं हि बालम् इत्याहुः — अज्ञानी को ही बालक कहा गया है
पिता इत्येव तु मन्त्रदम् — और ज्ञानदाता को ही पिता कहा गया है
हिंदी अर्थ
जो अज्ञानी है, वह बालक कहलाता है — चाहे वह आयु में वृद्ध ही क्यों न हो। और जो ज्ञान देता है, वह पिता कहलाता है — चाहे वह आयु में छोटा ही क्यों न हो।
English Translation
He who is ignorant is considered a child, and he who imparts knowledge is regarded as a father — regardless of age.

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